जबलपुर। ईसाई मिशनरी से संबंधित जमीनों को खुर्दबुर्द कर करोड़ों का फर्जीवाड़ा करने के मामले में मास्टर माइंड बताए जा रहे दमोह निवासी अजय लाल एवं राजकमल डेविड लाल पर ईओडब्ल्यू ने धारा 420,120 बी के तहत प्रकरण दर्ज करते हुए मामले की विस्तृत जांच शुरू कर दी है। अजय लाल एवं राजकमल डेविड पर आरोप है कि उन्होने मिशनरी की जमीनों की बंदरबांट करते हुए करोड़ों रुपए की अवैध रूप से कमाई की है। बिशप पीसी सिंह मामले की चल रही जांच के बाद ईओडब्ल्यू ने दस्तावेजों से मिली जानकारी के आधार पर यह अपराध दर्ज किया है। वहीं बिशप पीसी के कार्यालय-निवास और अब तक हुई जांच में मिली चल-अचल संपत्ति सहित जांच में मिले तथ्यों की पूरी जानकारी एवं दस्तावेज लेकर ईओडब्ल्यू जबलपुर की टीम कल शाम भोपाल पहुंची और दस्तावेज ईडी के हवाले कर दिए हैं।
अब ईडी ने जांच शुरू कर दी. राशि का गबन कर खरीदी कई सम्पत्तियां
सीएनआई के बिशप प्रेम चंद सिंह, बीएस सोलंकी तत्कालीन असिस्टेंट रजिस्ट्रार फर्म्स एंड संस्था के विरुद्ध धारा 406, 420, 668, 47, 120 बी का प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया था। चेयरमैन पीसी सिंह पर कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर मूल सोसायटी का नाम परिवर्तन कर उसका चेयरमैन बनकर पद का दुरूपयोग करते हुए सोयासटी की विभिन्न शैक्षणिक संस्थाओं में प्राप्त होने वाली छात्रों की फीस की राशि का उपयोग धार्मिक संस्थाओं को चलाने एवं स्वयं के उपयोग में लेकर गबन करने का आरोप है। वर्ष 2004-05 से वर्ष 2011-12 तक शैक्षणिक संस्था की करीब 2 करोड़ 70 लाख रुपए की राशि धार्मिक संस्थाओं को ट्रांसफर करने के प्रथम दृष्टया प्रमाण ईओडब्ल्यू को मिले थे। मामले की शुरु आती जांच के बाद ईओडब्ल्यू की टीम ने बिशप पीसी सिंह के नेपियर टाउन स्थित घर और ऑफिस में छापामार कार्रवाई की थी। बिशप पीसी सिंह पर आरोप है कि उन्होने गबन की राशि से कई अचल संपत्तियां भी खरीदी हैं।