दो साल बाद उत्साह की नवरात्र, पुलिस ने किए व्यापक इंतजाम
जबलपुर। कोरोना से भयमुक्त होकर दो साल बाद मातारानी की भक्ति का उत्साह मंदिरों, दुर्गा पंडालों से लेकर सेंट्रल जेल की चारदीवारी के अंदर तक है। घट स्थापना के साथ शुरू हुआ महापर्व नवरात्र अगले नौ दिनों तक आदिशक्ति जगदम्बा की आराधना में ही डूबा रहेगा। दुर्गोत्सव समितियों की जहां भव्य तैयारियां हैं तो वहीं एसपी सिद्धार्थ बहुगुणा ने शहर और देहात में तमाम अधिकारियों सहित थाना प्रभारियों को सुरक्षा के व्यापक इंतजाम करने के निर्देश दिए हैं। जबलपुर की प्राचीनतम दुर्गा प्रतिमाओं में शामिल मोहनलाल हरगोविंददास फर्म की गोलबाजार स्थित प्रतिमा परंपरानुसार बैठकी के दिन स्थापित हो गई और पटेल परिवार की महिलाओं ने विधि विधान से पूजन अर्चन कर मां भगवती की आराधना की।
प्रसिद्ध मंदिरों में अनुष्ठान, जेल में 764 कैदियों ने रखा व्रत
शहर में प्रसिद्ध व प्राचीन बड़ी खेरमाई का नवरात्र मेला आज से प्रारंभ हो गया, वहीं बूढ़ी खेरमाई, मानस भवन, बगलामुखी मंदिर सहित महाकाली के गढ़ाफाटक स्थित मंदिर में घट स्थापना के साथ अटूट अनुष्ठान प्रारंभ हो गए। नवरात्र पर्व मे सेंट्रल जेल परिसर में छोटी एवं बड़ी गोल में दुर्गा प्रतिमा की स्थापना की जा रही है। बीते 8 दिनों से जेल में इसकी तैयारियां जोर-शोर से चल रहीं हैं। हत्या सहित अन्य जघन्य अपराध की सजा काटने वाले भी ‘मातारानी’ की करु णा पाने भक्ति में डूबे हैं। जेल की चारदीवारी के अंदर देवी का दरबार सज गया है। सेंट्रल जेल अधीक्ष अखिलेश तोमर ने बताया कि बंदी-कैदियों ने जेल में ही मूर्ति बनाना सीखा और दो प्रतिमाएं बनाई हैं। नवरात्र पर्व मनाने सभी जेल अधिकारी व कर्मचारी उन्हें सहयोग कर रहे हैं और जेल प्रबंधन द्वारा व्रतधारी कैदी-बंदी महिला व पुरुषों के लिए फलाहार का इंतजाम किया गया है। जेल में इस समय करीब 2743 कैदी/बंदी हैं, जिसमें 125 महिलाएं शामिल हैं। नवरात्र के पहले दिन 764 कैदियों ने व्रत रखा जिनमें 36 महिलाएं भी शामिल हैं। जेल अधीक्षक ने बताया कि मां दुर्गा की सुबह-शाम होने वाली आरती में कैदी-बंदी स्वेच्छा से शामिल होते हैं।