22 अगस्त को हाईकोर्ट में सुनवाई, ज्योतिबाराव फुले कमीशन 1863, मिलर कमीशन 1918 की रिपोर्ट सहित अनेक ऐतिहासिक दस्तावेज हैं शामिल
जबलपुर। एमपी हाईकोर्ट में चल रही ओबीसी आरक्षण पर दायर सभी 63 याचिकाओं पर आगामी 22 अगस्त को सुनवाई होना है, इससे पहले अपाक्स ने 7 हजार पन्नों के दस्तावेज सहित रीज्वाइंडर दाखिल किया है। अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर ने बताया कि इसमें ऐतिहासिक महत्व के दस्तावेज भी शामिल हैं। इसमें सन 1863 से तत्कालीन कमिश्नर ज्योतिबाराव फुले कमीशन की रिपोर्ट सहित 1918 मिलर कमीशन रिपोर्ट शामिल है। साथ ही राउंड टेबल कॉन्फ्रेंस , गवर्नमेंट इंडिया एक्ट 1935, बाबा साहेब की कास्ट इनहेलेशन स्पीच और 30 नवम्बर1948 को संविधान सभा की डिबेट शामिल है। इसके अलावा प्रथम पिछड़ा वर्ग आयोग काका कालेलकर आयोग की रिपोर्ट , महाराष्ट्र पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट और द्वितीय पिछड़ा वर्ग आयोग मंडल कमीशन रिपोर्ट , महाजन कमीशन रिपोर्ट, आरक्षण का निर्धारण करने से संबंधित संसदीय सभा 1950 की रिपोर्ट , अश्वनी देशपांडे आयोग की रिपोर्ट व भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम 1947 के दस्तावेज शामिल हैं।
25 याचिकाएं लिंक हैं, विरोध-समर्थन में हैं 63 याचिकाएं
हाईकोर्ट में ओबीसी आरक्षण में दायर याचिका क्रमांक डब्ल्यूपी/12049/2020 के याचिकाकर्ता मध्य प्रदेश अनुसूचित जाति ,अनुसूचित जनजाति ,अन्य पिछड़ा वर्ग ,एवं अल्पसंख्यक ,अधिकारी कर्मचारी,(अपाक्स) द्वारा ओबीसी के 27 प्रतिशत आरक्षण के समर्थन में उक्त याचिका ओबीसी वेलफेयर एसोसिएशन के अधिवक्ताओं के माध्यम से दायर की गई हैं। उक्त याचिका के साथ लगभग 200 से अधिक ओबीसी के चयनित शिक्षकों द्वारा भी 25 याचिकाएं लिंक हैं। समस्त याचिकाओं में पैरवी ओबीसी एडवोकेट वेलफेयर एसोसिएशन के अधिवक्ताओं के द्वारा की जा रही है। उल्लेखनीय है कि ओबीसी आरक्षण के विरोध में तथा समर्थन में कुल 63 याचिकाएं विचाराधीन ही जिनको त्वरित सुनवाई करने विगत 22 मार्च 2022 को सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्देशित किया गया है । उक्त याचिकाओं की सुनवाई में सरकार का पक्ष रखने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ,के. एम. नटराजन तथा विशेष अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर एवं विनायक प्रसाद शाह को नियुक्त किया गया है। उधर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इंदिरा जयसिंह तथा डॉ. अभिषेक मनु सिंघवी को ओबीसी आरक्षण के समर्थन में पक्ष रखने नियुक्त किया है। हाईकोर्ट द्वारा उक्त प्रकरण की सुनवाई सोमवार को स्पेशल बेंच द्वारा की जाएगी। ओबीसी आरक्षण के समर्थन में याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर ,विनायक प्रसाद, उदय कुमार, परमानंद साहू रामभजन लोधी आदि अधिवक्ता पैरवी कर रहे हैं।